चाँद को बक्श दो। (Please Spare The Moon) इस धरती का किया है नुकसान हुमने हर पल, हर दिन,जिसकी भरपाई है अब शायद नामुमकिन। पेट भरा अन्न से, सर पर दी छत, शरीर को ढका कपड़े से। उसी धरती को हम बर्बाद कर रहे है, राकेट की गति से। पर्यावरण को तबाह किए जा रहे…
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चाँद को बक्श दो। (Please Spare The Moon) इस धरती का किया है नुकसान हुमने हर पल, हर दिन,जिसकी भरपाई है अब शायद नामुमकिन। पेट भरा अन्न से, सर पर दी छत, शरीर को ढका कपड़े से। उसी धरती को हम बर्बाद कर रहे है, राकेट की गति से। पर्यावरण को तबाह किए जा रहे…